मनुष्य की घड़ी में केवल हाथ होते हैं।
ईश्वर का समय परिपूर्ण होता है,
हालांकि कभी देर लगती है, पर जब पूरा होता है, तो यह अद्भुत होता है।
मैं ईश्वर की इच्छा को प्रेम से स्वीकार करता हूं,
पर मुझे अब ईश्वर के समय को भी अपनाना होगा।
जब प्रतीक्षा की घड़ी लंबी हो,
तब भी मैं अपने विश्वास को मजबूत रखता हूं।
धैर्य प्रेम का संतान है,
क्योंकि प्रेम सब कुछ सहन करता है, और समय की परीक्षा को पार करता है।
हर कठिनाई में, हर देरी में,
प्रेम मुझे सिखाता है, "धैर्य रखो, सब ठीक होगा।"
ईश्वर के समय में कोई गलती नहीं है,
जो कुछ भी होता है, वह सबसे अच्छा होता है।
प्रतीक्षा का हर पल एक वरदान होता है,
क्योंकि हर वह क्षण, जो ईश्वर के समय में बसा होता है,
मेरे जीवन को और सुंदर बना देता है।
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