सच है, कुछ लोग इतने भाग्यशाली नहीं होते।
कुछ बिना हाथ, पैर, या दृष्टि के जन्म लेते हैं,
फिर भी वे जीते हैं, संघर्ष करते हैं,
और हमें सिखाते हैं कि जीवन कितना बहुमूल्य है।
अगर मेरे पास मेरे हाथ हैं,
जो सपने गढ़ सकते हैं,
पैर हैं, जो मुझे मंज़िल तक ले जा सकते हैं,
आँखें हैं, जो इस सुंदर दुनिया को देख सकती हैं,
और स्वस्थ शरीर है,
तो क्या यह सब आभारी होने के लिए काफी नहीं?
ज़िंदगी की असली दौलत यही है—
अपना अस्तित्व, अपनी क्षमता।
हर दिन, हर सांस,
एक नया आभार लेकर आता है।
क्योंकि किसी के पास वो नहीं जो मुझे मिला है,
और मेरे पास वो सब है जो जीने के लिए ज़रूरी है।
तो चलो, हर पल को कृतज्ञता से भर दें,
क्योंकि बस यहाँ होना ही एक चमत्कार है।
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