यह सिर्फ़ आनंद की खोज में खो जाता है,
शरीर के सुख की प्राथमिकता में ही बसा है,
लेकिन सच्चा प्रेम और अंतरंगता,
यह कोई सरल साधना नहीं,
यह वह काम है जो समय और समझ से बनता है।
शारीरिक आनंद तो एक हिस्सा है,
जो हमेशा से रिश्तों का हिस्सा रहा है,
लेकिन जो सच में प्रेम है,
वह केवल इस सुख तक सीमित नहीं होता।
प्रेम की खोज, वह गहरी समझ है,
जो आत्मा से आत्मा तक पहुँचती है।
यह वही आदान-प्रदान है,
जो कभी न खत्म होने वाला कनेक्शन पैदा करता है।
हम अक्सर आनंद की भूख में,
सच्ची कनेक्शन को भूल जाते हैं,
जो एक-दूसरे की आत्मा को महसूस करने में है,
जो सिर्फ़ भौतिक सुख से परे,
गहरी, सच्ची समझ में बसी है।
अंततः, जब हम प्रेम को पूर्ण रूप से महसूस करते हैं,
तो यह केवल शारीरिक नहीं,
बल्कि एक गहरी साझेदारी और जुड़ाव बन जाता है,
जो हर पल को और भी समृद्ध और अर्थपूर्ण बना देता है।
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