ये बारिश हमे कुछ सिखाती है,
ट्रेनर बनकर ट्रेन होना,
सूखे में गिला होना,
और गीले में सुखा होना।
जब बूंदें बरसती हैं, आसमान से,
धरती हंसती है, हरियाली छाई,
सूखा था जो बंजर, अब नम हो गया,
प्रकृति ने मानो नव जीवन पाया।
सुख-दुख का ये अद्भुत मेल,
जीवन का ये अनोखा खेल,
बरसात में सिखाती है,
समय का चक्र कभी स्थिर नहीं रहता।
सूखे में धैर्य रखना,
गीले में संतुलन बनाना,
प्रकृति के हर रंग में,
जीवन का सार समझना।
ये बारिश की बूंदें,
न केवल धरती को गीला करती हैं,
बल्कि हमारे दिलों को भी,
संवेदना से भर देती हैं।
इस मौसम का हर पल,
कुछ नया सिखाने वाला,
ट्रेनर बनकर हमें,
जीवन की ट्रेन बनाना।
बरसात का ये अनुभव,
हमेशा याद रहेगा,
सूखे में गिला होना,
और गीले में सुखा होना।
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