सिधांत और नैतिकता की राह पर चलना,
आदतें मजबूर करती हैं हमें बदलना।
एक ओर नैतिकता का पावन प्रकाश,
दूसरी ओर आदतें, जो करती हैं नाश।
मजबूर आदत से उठाए गए फैसले,
खुद से ही होते युद्ध के मसले।
नैतिकता की पुकार, मन का है द्वंद,
खुद से ही खुद की लड़ाई का छंद।
हर कदम पर संघर्ष का ये रण,
आदतें कहतीं, "चलो उसी पुराने पथ पर।"
नैतिकता कहती, "बनो सही, उठो साहस से,
जीवन में लाओ नए उजालों का स्वर।"
जब खुद से खुद की ये लड़ाई लड़नी हो,
मजबूत सिधांतों का साथ चुनना हो।
आदतों की बेड़ियों को तोड़ो और उड़ो,
नैतिकता की ऊंचाइयों पर खुद को खोजो।
यही है जीवन का असली सार,
खुद से खुद की लड़ाई का अद्वितीय उद्गार।
सिधांत और नैतिकता की राह पर चलो,
हर संघर्ष में विजय का अनुभव पाओ।
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