**शायरी**
धूप में साया बन जाए कोई,
प्यास में दरिया बन जाए कोई।
जीवन के सफर में जब अकेले हों हम,
तो हमसफ़र बन जाए कोई।
कुछ लोग यूँ ही चले जाते हैं, जैसे धूप में कोई पेड़ कट जाए। मैं वहीं खड़ा रह जाता हूँ, जहाँ कभी उसकी छाँव थी। वो बोलता नहीं अब, पर उसकी चुप्प...
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