**शायरी**
धूप में साया बन जाए कोई,
प्यास में दरिया बन जाए कोई।
जीवन के सफर में जब अकेले हों हम,
तो हमसफ़र बन जाए कोई।
अखंड है, अचल है, अजेय वही, जिसे न झुका सके कोई शक्ति कभी। माया की मोहिनी भी हारती है, वेदों की सीमा वहाँ रुक जाती है। जो अनादि है, अनंत है, ...
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