सूरज के पर्वतों को चूमेगा,गम का हारा तो जाना ही होगा

सूरज की किरणों में छिपी,
गम की धुप में ढला है सफ़र।
मन की गहराईयों में छुपी,
उम्मीद की किरणें जगा हैं इस सफ़र में।

हर कदम पर है राह का साथी,
अंधियारों में भी जलता रहे ये दीप।
गम के साए में भी मिलता है सुख,
संग है जिंदगी का हर अधीप।

गुज़र जाएगा ये गम का बादल,
हार नहीं, विजय की लहर होगा।
सूरज के पर्वतों को चूमेगा,
गम का हारा तो जाना ही होगा।

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