स्नेह का साथ

स्नेह की राह पर चल,
प्रेम के गीत गाते चल।
दोस्तों के साथ हंसते-खेलते,
हॉस्टल की लाइफ में खो जाते।

आम्रपाली की मिठास और लोटस का रंग,
हॉस्टल के खाने में बसा एक संग।
नये-नये चैप्टर का खुला दरवाजा,
कॉलेज की कैंटीन में हर दिन कुछ नया।

इंदिरापुरम से नोएडा की राह,
स्नेह का साथ, खुशियों का एहसास।
रोज़मर्रा की जिंदगी में खोज,
खुद को पाने का हर एक मोज़।

लोगों से मिलते, बातें करते,
जीवन के रंगों में खुद को बिखेरते।
स्नेह का साथ, हर पल मिले खुशियाँ,
इस जिंदगी की कविता, अब समाप्त यहाँ।

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