स्नेह की राह पर चलते

स्नेह की राह पर चलते,  
प्रेम के रंग में खिलते।  
दोस्ती की बातें जो छाई,  
हॉस्टल की यादें सजी।  

आम्रपाली लोटस के नाम से,  
हॉस्टल की यादें बनीं दाम से।  
खाना साथ खाने का मजा,  
जीवन की रंगीन रजा।  

नए ज्ञान की किरणें चमके,  
कॉलेज की चारों दीवारों में झलके।  
काम का दायित्व नया,  
हर चैप्टर में नया मिला।  

रोज की जिंदगी में संग स्नेह का मिलना,  
इन लम्हों में खुद को ही खो जाना।  
इंदिरापुरम से नोएडा की यात्रा,  
स्नेह से मिलकर बनी प्यारी कहानियाँ।  

जीवन की कविता हर पल नयी,  
खुद को खोजते हुए हर रोज लगती है जरुरी।  
स्नेह, प्रेम, दोस्ती की गहराई,  
हर रोज को बनाती है जिंदगी को सुंदरी।

No comments:

Post a Comment

Thanks

अखंड, अचल, अजेय वही

अखंड है, अचल है, अजेय वही, जिसे न झुका सके कोई शक्ति कभी। माया की मोहिनी भी हारती है, वेदों की सीमा वहाँ रुक जाती है। जो अनादि है, अनंत है, ...