खुद को हरा मत देना



नौकरी की शर्तें बड़ी लगती हैं,
पर क्या सपने छोटे पड़ते हैं?
अगर कदम न बढ़ाया, तो कैसे जानोगे?
जो सोचते हो नामुमकिन, वो कैसे पाओगे?

अपना न कहना, ये खेल न खेलो,
खुद को मौके से दूर मत मेलो।
क्या पता, जो दरवाज़ा बंद लगे,
वो तुम्हारे दस्तक से खुल ही पड़े।

उनका काम है तुम्हें मापना,
तुम्हारा है खुद को साबित करना।
हर ना एक नया सबक सिखाएगी,
एक हां तुम्हारी किस्मत चमकाएगी।

इसलिए हर दरवाजे पर दस्तक दो,
जो दिल कहे, वहां खुद को रख दो।
हार से डरो मत, ये रास्ता है जीत का,
खुद पर भरोसा रखो, यही मंत्र है प्रीत का।

कभी मत कहो "नहीं मुझसे होगा,"
अपने सपनों को मत धोखा।
जितना सोचो, उससे कहीं ज्यादा हो तुम,
खुद को हराने का खेल अब बंद करो तुम।

हर मौका लो, हर कदम बढ़ाओ,
जो चाहिए, बस वो हासिल कर जाओ।



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