या बाद में पछतावे की जलन सहो।
दर्द तो दोनों ओर है,
पर एक तुम्हें संवारता है,
दूसरा तुम्हें तोड़ता है।
चुनना तुम्हारे हाथ में है—
आज कठिनाई अपनाकर आगे बढ़ना,
या कल पछताकर वही राह देखना,
जो आज छोड़ दी थी।
कुछ लोग यूँ ही चले जाते हैं, जैसे धूप में कोई पेड़ कट जाए। मैं वहीं खड़ा रह जाता हूँ, जहाँ कभी उसकी छाँव थी। वो बोलता नहीं अब, पर उसकी चुप्प...
No comments:
Post a Comment
Thanks