अनुशासन

अभी अनुशासन का दर्द झेलो,
या बाद में पछतावे की जलन सहो।
दर्द तो दोनों ओर है,
पर एक तुम्हें संवारता है,
दूसरा तुम्हें तोड़ता है।

चुनना तुम्हारे हाथ में है—
आज कठिनाई अपनाकर आगे बढ़ना,
या कल पछताकर वही राह देखना,
जो आज छोड़ दी थी।


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