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बारिश की बूंदें जब गिरती हैं,
पर्वतों पर नाचतीं,
सागर की लहरों में मिलकर,
एक नई धुन छेड़तीं।
कभी मीठी फुहार बनकर,
बचपन की यादें लाती,
कभी तूफान बनकर,
सब कुछ बहा ले जाती।
रोमांटिक पलों में,
दो दिलों को जोड़तीं,
फिर कहीं बाढ़ में,
ज़िंदगी को मोड़तीं।
ये बारिश की बूंदें,
जिनमें हर रंग समाया,
कभी सुहानी चांदनी रात,
कभी तूफानी घटा।
पर्वतों से लेकर सागर तक,
मैंने हर बारिश देखी,
उसकी अनगिनत कहानियाँ,
अब मन में लिखी।
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इस कविता में बारिश के विभिन्न अनुभवों और भावनाओं को संजोया गया है। आशा है आपको यह पसंद आएगी!
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