बीज से संभावना तक



भविष्य है तेरा,
यह कोई दूर का सपना नहीं,
यह तेरे भीतर का सत्य है,
जो धड़क रहा है तेरे हृदय में।
तू बीज है,
पृथ्वी में दबा हुआ,
मगर एक दिन,
तेरा अंकुर फूटेगा।
तेरी संभावना
असीमित है,
तू कंकड़ नहीं,
तू वह शक्ति है
जो हर बाधा को पार कर जाएगी।

विकास है तेरा,
यह तेरे अस्तित्व में बसा है।
जैसे वृक्ष को अपनी जड़ों से
मूल शक्ति मिलती है,
वैसे ही तुझे भी
तुझसे उपजी शक्ति मिलेगी।
तू जो आज है,
वह सिर्फ प्रारंभ है,
तेरे भीतर की ऊर्जा
तुझे उस असली रूप में बदलने को तैयार है,
जो तू होने का हकदार है।

कभी तू अपने आप को छोटा समझता होगा,
कभी वह कंकड़ सा महसूस हुआ होगा,
जो किसी रास्ते में फेंका गया हो।
पर यह याद रख,
बीज को कभी छोटे से छोटा नहीं समझना चाहिए।
वह एक दिन विशाल वृक्ष बनेगा,
जिसकी छांव में,
सभी थककर विश्राम करेंगे।

तेरी संभावना तुझमें छिपी है,
तू जितना और जिस दिशा में चाहे बढ़ सकता है।
आंधी, तूफान, और बारिश
तेरे रास्ते को रोक नहीं सकते,
क्योंकि तू जो है,
वह सिर्फ मिट्टी में नहीं,
आकाश में भी गहरा बसा हुआ है।

विकसित होने का समय आ चुका है,
तू बीज से उस वृक्ष तक पहुंच सकता है,
जो छाया और फल देगा।
अपने भीतर देख,
तेरी शक्ति, तेरी क्षमता,
तेरे अस्तित्व की महानता
तुझे हर दिन याद दिलाएगी,
"तू कंकड़ नहीं, तू बीज है!"


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