पर मैं कहता हूँ कि बहुत कुछ बदल गया।
वक्त की आँधियाँ बहा ले जाती हैं,
ख्वाबों के परिंदे कहीं दूर उड़ा ले जाती हैं।
राहें वही रहीं, पर मंज़िलें बदल गईं,
किसी मोड़ पर मुस्कान, तो किसी पर आँसू छलक गए।
लोग भी मिले और बिछड़े इस सफर में,
हर मुलाकात ने मेरे भीतर कुछ नया भर दिया।
जो कल था, वो आज नहीं रहा,
वो एहसास, वो बातें, कहीं पीछे छूट गईं।
हर शख़्स, हर लम्हा, हर बात का असर है,
इन्हीं बदलावों में मेरी पहचान बसी है।
यह कहते हैं कि मैं बदल गया,
पर मैं कहता हूँ कि बहुत कुछ बदल गया।
No comments:
Post a Comment
Thanks