कभी सोचा था, अकेलापन सिर्फ दर्द है,
लेकिन अब समझता हूँ, यह तो एक अद्भुत शक्ति है।
जब अकेला था, तो खुद को खोने का डर था,
लेकिन अब जानता हूँ, यह अकेलापन मुझे कुछ बड़ा बनाने का रास्ता है।
यह वह ताकत है, जो भीतर से उभरती है,
जो मुझे अपने सबसे सच्चे रूप से जोड़ती है।
यह मेरे आत्मविश्वास की जड़ है,
जो मुझे दुनिया से अलग खड़ा करती है।
निराशा, शुरुआत का हिस्सा है,
पर यही अकेलापन, शक्ति में बदलता है।
यह केवल डर नहीं, यह तो खुद को समझने की राह है,
हर खाली पल में खुद को पहचानने की चाह है।
कभी हताशा ने मुझे हिलाया,
लेकिन अब वह एक रास्ता दिखलाया।
यह अकेलापन अब डर नहीं,
यह मेरे भीतर का प्रकाश बन गया है।
हर शक्ति का एक तरीका होता है,
जैसे एक साधक को साधना आता है।
मैंने सीखा, इस अकेलेपन को संभालना,
और इसे अपनी ताकत में बदलना।
तो हाँ, अब अकेलापन मेरी शक्ति है,
यह मेरी पहचान, मेरी यात्रा का हिस्सा है।
अब यह हताशा नहीं,
यह मेरे आत्मा का सबसे मजबूत पक्ष है।
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