खुद से प्यार और दुनिया से जुड़ाव



खुद से प्यार करना, पहला कदम है,
जहाँ आत्मसम्मान का दीप जलता है।
पर यह सफर वहीं रुकता नहीं,
दुनिया के लिए भी कुछ करना ज़रूरी है सही।

तुम्हारी कीमत है, यह मत भूलो,
हर सपने को जीने का हौसला बुलाओ।
पर इस धरती की भी अपनी कहानी है,
जहाँ हर जीव, हर पेड़, तुम्हारी जवानी है।

अपने दिल को समझाओ, अपनी ताकत को पहचानो,
पर साथ ही इस दुनिया के लिए अपना हिस्सा निभाओ।
तुम्हारी मुस्कान, किसी का दिन बना सकती है,
तुम्हारी मेहनत, दुनिया को बदल सकती है।

यह धरती महान है, और तुम भी अद्भुत हो,
खुद से प्यार करो, और अपने कर्मों से जगत को समर्पित करो।
क्योंकि सच्चा सुख वहीं मिलता है,
जहाँ आत्मा और जगत एक साथ खिलता है।


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