चांदनी रात का सौंदर्य, निखरता आसमान,
सितारे झिलमिलाते, जैसे सपनों का जहान।
शीतल पवन का स्पर्श, मन को करता मौन,
प्रकृति के इस संगीत में, हर दिल हो अनमोल।
नदिया की लहरों पर, चमके चांद की किरण,
हर बूंद में बसा है, जैसे प्रेम की सुगंध
पेड़ों की परछाइयों में, सजीले से छंद,
हर कोने में गूंजता, प्रकृति का आनंद।
चिरई की नींद गहरी, फूलों पर ओस का बसेरा,
धरती ने ओढ़ी चादर, सितारों से घेरा।
ऐसी रात में मन, हो जाए आत्मविभोर,
चांदनी के साथ बहें, खुशियों के झरने की ओर।
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