सही इंसान मुझे यह एहसास कराएगा,
कि मैं हर कोशिश के लायक हूँ,
सिर्फ़ मीठी बातों से नहीं,
बल्कि अपने हर छोटे-बड़े कर्म से।
प्रेम सिर्फ़ भव्य उपहारों का नाम नहीं,
यह निरंतरता है, सम्मान है,
हर दिन मेरी कद्र करना है,
बिना किसी शर्त के मुझे अपनाना है।
अगर उसे सच में परवाह होती,
तो उसे जताने के लिए बहाने न ढूँढता,
मेरी भावनाओं को समझता,
मुझे वैसा ही देखता,
जैसे मैं खुद को देखती हूँ—
सम्मान और प्रेम से भरी हुई।
अगर उसे मेहनत करने में संकोच है,
तो यह मेरा उत्तर है—
वह मेरा नहीं है।
क्योंकि सच्चा प्रेम वह नहीं,
जो सिर्फ़ पास आने की कोशिश करे,
बल्कि वह है जो हर हाल में साथ निभाए।
इसलिए मैं समझ चुकी हूँ,
कभी भी खुद को कमतर नहीं समझूँगी,
मैं वही चुनूँगी,
जो मेरी कद्र पहले दिन से करता हो,
और जो बिना कहे भी मेरे लिए
हर मुमकिन कोशिश करता हो।
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