त्याग की तपस्या में मैंने जीवन गुज़ार दिया,

त्याग की तपस्या में मैंने जीवन गुज़ार दिया,
सपनों के पीछे हर रात सोकर मैंने बिसार दिया।

मगर वो फल ना मिला, जो मेरा हक़दार था,
मेरे प्रयासों का वो मुक़ाम ना बना, जो मेरा किरदार था।

फिर भी हार नहीं मानी मैंने, उम्मीद का दामन थामे रखा,
क्योंकि सच्चे मेहनती का कभी साथ नहीं छोड़ता तक़दीर का तका।

No comments:

Post a Comment

thanks

श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...