ट्रेनर बनकर ट्रेन होना।
सूखे में गिला होना,
और गीले में सुखा होना।
कभी बादलों का घनघोर गर्जन,
कभी हवाओं का मद्धम गान।
कभी बूँदों का नर्म स्पर्श,
कभी पानी का भारी तूफान।
जीवन में भी कुछ ऐसा ही,
वक्त के साथ बदलता रूप।
कभी खुशियों की बारिश बरसे,
कभी दुःखों का भरे स्वरूप।
जो सूखे में गीला हो जाए,
वो समर्पण का सच्चा सार।
जो गीले में सूखा रह जाए,
वो धीरज का अद्भुत विचार।
बारिश की इन बूंदों में,
छुपा है जीवन का सन्देश।
समय के साथ बहते रहो,
यही है सच्ची उपदेश।
प्रकृति हमें सिखाती है,
हर पल को अपनाना।
सूखे में गिला होना,
और गीले में सुखा होना।
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