मैंने सुना है, प्रेम बस आकर्षण है,
पर क्या सच में इतना ही आसान है?
क्या कुछ लम्हों की जलती आग,
हमेशा के लिए घर बना सकती है?
मैं ढूंढता हूँ वो बात,
जो जिस्म से परे जा सके।
वो संवाद, जो मौन में भी,
दिल की गहराइयों को छू सके।
सिर्फ खूबसूरती नहीं,
मन का मेल ज़रूरी है।
तेरी सोच, तेरी भावनाएँ,
तेरा नजरिया, यही असली नज़ाकत है।
अगर तू हँस सके मेरी दुनिया में,
और मैं रो सकूँ तेरी बाहों में,
तो जानूँ कि रिश्ता सच्चा है,
वरना सब सिर्फ एक धोखा है।
जिस्म बुला सकता है किसी को,
पर रोकता सिर्फ अपनापन है।
प्रेम वही जो आत्मा तक पहुँचे,
वरना सब एक लम्हे का खेल है।
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