मैं वही बनना चाहता हूँ,
जो दिल से सबका ख्याल रखता है।
जो मेहनत करता है, बिना किसी झिझक,
जो प्रेम करता है, बिना किसी शक।
मैं वही बनना चाहता हूँ,
जो अपनी भावनाओं को बेबाक जीता है।
जो गहराई में उतरता है,
और उम्मीद की ऊँचाई छूता है।
मैं वही बनना चाहता हूँ,
जो दुनिया की कोमलता पर विश्वास करता है।
जो अच्छाई को देखता है,
हर चेहरे में, हर कथा में।
मैं वही बनना चाहता हूँ,
जो मौके लेता है,
जो डर को जीतता है,
और छिपने से इनकार करता है।
मैं वही बनना चाहता हूँ,
जो हर किसी को महसूस कराता है कि वो दिखे,
जो सच्चाई के साथ खड़ा होता है,
हर परिस्थिति में।
क्योंकि इस कठोर दुनिया को,
और लापरवाही की नहीं, संवेदनशीलता की ज़रूरत है।
क्योंकि सबसे मजबूत वही है,
जो कोमल बना रहता है,
भले ही दुनिया ने उसे कठोरता दिखाई हो।
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