साहस बिना विवेक का,
है बस बेवजह का कदम।
विवेक ही देता है दिशा,
कभी भी वह नहीं होता कम।
कभी संकोच भी ताकत है,
जब संयम और सटीकता हो साथ।
वो समय की सटीकता ही है,
जो सबसे बड़े साहस को कर दे मात।
मैं, जो अच्छा कहलाता, मैं, जो बुरा कहलाता, मैं सत्य का अंश, मैं मिथ्या का नाता। दो ध्रुवों के बीच, मेरा अस्तित्व छिपा, मैं ही प्रकाश, मैं ही...
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