शांति का संकल्प



बुराई का जवाब बुराई से नहीं,
अपने मन की शांति से दो।
उनके अंधकार में तुम उजाला बनो,
अपनी उपस्थिति को अपना उपहार कहो।

जो गलत करें, उन्हें गलत मत कहो,
बस अपनी दूरी को सही समझो।
उनके कर्म उनके हैं, तुम्हारा धर्म तुम्हारा,
हर परिस्थिति में बनाए रखो सहारा।

अपनी आत्मा को दुख से बचाओ,
अपने मन को हल्के पंखों सा उड़ाओ।
जहाँ शांति हो, वहीं तुम्हारा बसेरा हो,
जहाँ प्रेम हो, वहीं तुम्हारा सवेरा हो।

याद रखो, तुम्हारा सुख सबसे बड़ा धन है,
और शांति तुम्हारे जीवन का असली चंदन है।
तो बुराई से दूर रहो, पर प्यार से भरे रहो,
हर पल अपने सत्य में खड़े रहो।


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