अज्ञानता सच में सुख है,
जब तुम उन बातों को न जानो,
जो तुम्हारे ध्यान में लाने लायक नहीं,
जो केवल समय की बर्बादी हों।
कभी-कभी कुछ अनदेखा करना,
सच्ची समझ की शुरुआत होती है।
हर विचार और हर बात पर,
मन को उलझाना जरूरी नहीं होता।
जब तुम उन बेमानी चीज़ों को छोड़ देते हो,
जो तुम्हारे भीतर की शांति को हिलाते हैं,
तब तुम पा लेते हो वो सुकून,
जो अक्सर खोजने से नहीं मिलता।
अज्ञानता वह नहीं जो जानने से बचना हो,
बल्कि यह है समझना कि कौन सी बातें
तुम्हारे जीवन में अर्थ नहीं रखतीं,
और उन्हें अनदेखा कर, तुम खुद को हल्का पाते हो।
यह सच है,
जब तुम उन निरर्थक बातों को छोड़ देते हो,
तब जीवन खुद ही सरल और खुशहाल हो जाता है,
क्योंकि तुम अपने अस्तित्व को सिर्फ़ महत्व देते हो।
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