Open Sex Series – Part 21


"Ek Biwi, Ek Premika – Dono Sahi, Dono Sachche?"

(A Bisexual Woman’s Journey Through Marriage and Love)

रात के करीब 10 बजे थे, हम मुंबई के बांद्रा में एक café के बाहर बैठे थे — मैं, और वह — रिया।
एक स्मार्ट, soulful और साफगो लड़की, जो अपनी ज़िंदगी की एक सच्ची कहानी मेरे साथ बाँटना चाहती थी।

> “क्या तुम्हें कभी किसी औरत से प्यार हुआ है?”
मैंने मुस्कुराते हुए पूछा।



उसने मेरी आँखों में देखा, और बोली —

> “प्यार एक ही बार नहीं होता, औरत हो या मर्द — दिल तो बस ‘connection’ ढूंढता है। और मुझे दोनों से हुआ है।”




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उसकी कहानी, उसी की ज़ुबानी:

> “मैंने अपने पति को प्यार से चुना था।
लेकिन मुझे अपनी कॉलेज की दोस्त से भी मोहब्बत हो गई थी — नर्म, गहरी, और किसी पवित्र नदी की तरह बहती हुई।
जब मैं उसके पास होती थी, मैं पूरी लगती थी।
और जब अपने पति के पास होती थी, मैं सुरक्षित महसूस करती थी।”



“क्या ये धोखा था?”

> “नहीं... ये मेरा सच था। एक अधूरा सच किसी से छुपाया नहीं, सिर्फ़ बाँटा नहीं था।”




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Bisexuality – विज्ञान और मनोविज्ञान की नज़र से:

Bisexuality का अर्थ है एक ऐसा व्यक्ति जिसे दोनों लिंगों की ओर आकर्षण महसूस हो सकता है – emotionally, physically या romantically। यह कोई नया चलन नहीं, बल्कि प्राचीन ग्रंथों, लोककथाओं और इतिहास में भी उल्लेखित भावना है।

Sigmund Freud bisexual tendencies को इंसान की मूलभूत प्रवृत्ति मानते थे।

Kinsey Scale (1948) के अनुसार sexuality कोई दो छोरों वाली चीज नहीं है, बल्कि एक स्पेक्ट्रम है।



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हमारे ग्रंथों में:

प्राचीन भारत में sexuality को कभी taboo नहीं माना गया।
कामसूत्र, अर्थशास्त्र, और शिव पुराण जैसे ग्रंथों में विभिन्न प्रकार के यौन रुझानों का उल्लेख मिलता है।
कुछ तंत्र साधनाओं में तो स्त्री-स्त्री मिलन को आध्यात्मिक शक्ति का आदान-प्रदान भी माना गया है।


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रिया की जंग:

> “मुझे खुद से डर लगता था।
क्या मैं गलत हूं? क्या मेरे पति मुझे छोड़ देंगे?”
पर मैंने सच बोला। मैंने अपने पति से सबकुछ कहा — आँसू के साथ, लेकिन झूठ के बिना।



> “शुरू में उसे झटका लगा... पर फिर उसने मुझे गले लगाया और कहा —
‘तू मेरी है, चाहे कोई भी तुझसे प्यार करे।’”




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तो क्या समाज इसे अपनाता है?

मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली जैसे शहरों में acceptance बढ़ा है,
पर अब भी bisexual women को अक्सर "confused", "attention-seeking", या "phase" कहकर invalid किया जाता है।

Reality ये है –

ये कोई choice नहीं,

ना ही कोई "Western influence",

ये एक भाव है — उतना ही सच्चा जितना किसी का heterosexual होना।



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मेरी राय:

प्यार, ईमानदारी और समझ —
ये तीन चीजें ही किसी भी रिश्ते की जड़ होती हैं।
रिया bisexual है, पर उससे भी बड़ी बात है कि वह सच्ची है।
और जब कोई इंसान अपने सच के साथ जीने लगे, तभी असली आज़ादी मिलती है।






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