जो स्वयं को जानते हैं,
उन्हें किसी को गिराने की ज़रूरत नहीं।
उनका आत्मविश्वास चीखता नहीं,
वह शांति में मुस्कुराता है।
असली ताकत दिखावे में नहीं,
यह विनम्रता में प्रकट होती है।
जो भीतर से ऊँचे हैं,
वे औरों को उठाने में आनंद पाते हैं।
पर जो खुद को छोटा समझते हैं,
वे औरों को और छोटा दिखाने की कोशिश करते हैं।
क्योंकि उन्हें लगता है—
दूसरों की रौशनी बुझाने से वे चमक जाएँगे।
पर सच यह है—
सूरज को चंद्रमा से ईर्ष्या नहीं होती,
जो जलते हैं, वे जलाते नहीं,
बल्कि औरों के दीपक भी प्रज्वलित कर देते हैं।
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