सच्ची साझेदारी की समझ



लोग चाहत को संगत समझ लेते हैं,
लेकिन सच्ची साझेदारी तो कुछ और है।
यह उस पल की खुशी में नहीं,
बल्कि जीवन के सफर में एक-दूसरे के साथ खड़े होने में है।

मैं जानता हूँ कि गहरी समझ,
भटकाव से कहीं ज्यादा अहम है।
वह रिश्ता जो केवल दिखावे से नहीं,
बल्कि सच्ची भावनाओं और कनेक्शन से जुड़ा हो।

कभी भी क्षणिक आकर्षण को न देखो,
क्योंकि वह समय की कसौटी पर खड़ा नहीं हो सकता।
जो सच में तुम्हारे साथ खड़ा है,
वही असली साथी होता है,
जो तुम्हारी आत्मा को समझे,
तुम्हारे रास्ते पर हमेशा साथ चले।

गहराई और स्थिरता ही है,
जो किसी रिश्ते को लंबी उम्र देती है।
यह वह संबंध है जो समय के साथ मजबूत होता है,
सिर्फ़ दिखावे की लहरों से नहीं,
बल्कि हर सच्चे अनुभव से बनता है।


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